Tuesday, May 16, 2023

इंतज़ार



किताबो के ढेर से मै

एक किताब निकालता हूं 

जिसमें मैने पढी थी 

अपनी जम्‍हाईयां

और पढी थी अपनी बहुत सारी नींदे

जो जमा होती गयी किताब के पन्‍नो में 

इसी किताब के पन्‍नो में 

इकटठा हो गया है बहुत सारा इंतजार 

थोडा परिणमो का 

थोडा बडा होने का 

थोडा उससे मिलने का 

थोडा लौटने का 

किताब के दूसरे भाग में 

पडे है मेरे बहुत सारे सपने

एक के उपर एक पडे है 

सपने है बहुत सारे और जगह है कम 

एक दुसरे से दब रहे है। 

दूसरे पन्‍नो में पडे सिनेमाओ के टिकिट 

जो मै उसके साथ देखना चाहता था 

जो मैने खरीदे थे मिनर्वा में 

भीड की लंबी लाईनो में घंटो इंतजार करके । 

कुछ पन्‍नो पर सवाल मरे हुए पडे है 

जो मुझे डराकर मेरी नींदे चुराते थे 

अब एक कोने पडे रोग से कराह रहे है 

सवाल उन पर हंस रहे है। 

कुछ पन्‍नो पर पडी है हमारे हिस्‍से की बहुत सारी डांटे 

जो हमने खायी स्‍कूल खिडकी से कूद कर भागने पर   

और पांच पैसे वाली जीरा गोलियां खाने पर । 

कुछ पन्‍नो में जमा की हुई परांठो की खुशबू है 

जो रोज मां बनाकर टिफिन में देती थी । 

अंतिम दो पन्‍नो में है रंगीन पंखुडिया 

जो उसने देते हुए कहा था इंतजार करना 

मैं इंतजार कर रहा हूं।  

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