किताबो के ढेर से मै
एक किताब निकालता हूं
जिसमें मैने पढी थी
अपनी जम्हाईयां
और पढी थी अपनी बहुत सारी नींदे
जो जमा होती गयी किताब के पन्नो में
इसी किताब के पन्नो में
इकटठा हो गया है बहुत सारा इंतजार
थोडा परिणमो का
थोडा बडा होने का
थोडा उससे मिलने का
थोडा लौटने का
किताब के दूसरे भाग में
पडे है मेरे बहुत सारे सपने
एक के उपर एक पडे है
सपने है बहुत सारे और जगह है कम
एक दुसरे से दब रहे है।
दूसरे पन्नो में पडे सिनेमाओ के टिकिट
जो मै उसके साथ देखना चाहता था
जो मैने खरीदे थे मिनर्वा में
भीड की लंबी लाईनो में घंटो इंतजार करके ।
कुछ पन्नो पर सवाल मरे हुए पडे है
जो मुझे डराकर मेरी नींदे चुराते थे
अब एक कोने पडे रोग से कराह रहे है
सवाल उन पर हंस रहे है।
कुछ पन्नो पर पडी है हमारे हिस्से की बहुत सारी डांटे
जो हमने खायी स्कूल खिडकी से कूद कर भागने पर
और पांच पैसे वाली जीरा गोलियां खाने पर ।
कुछ पन्नो में जमा की हुई परांठो की खुशबू है
जो रोज मां बनाकर टिफिन में देती थी ।
अंतिम दो पन्नो में है रंगीन पंखुडिया
जो उसने देते हुए कहा था इंतजार करना
मैं इंतजार कर रहा हूं।
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