दो बार की ग्राण्ड स्लेम चैम्पियन और पूर्व नंबर एक टेनिस खिलाडी गारबाइन मुगुरूजा ने ३० साल की उम्र में सन्यास ले लिया है। उसने २०१६ के फ्रेच ओापन फाईनल में सेरेना विलियम्स और २०१७ के विम्बलडन फाईनल में वीनस विलिम्यस को पराजित किया और इस प्रकार दोनो विलिम्स बहिनो को हराने वाली एकमात्र खिलाडी बन गयी। मुगुरूजा ने अपना रैकिट खूंटी पर टांगने की घोषणा करते हुए कहा कि वो अब एक नया अध्याय शुरू करेगी। मुगुरूजा के सन्यास के साथ ही एक बार फिर यह बहस छिड गयी है कि टेनिस में सन्यास की उम्र क्या होनी चाहिए। टेनिस की सन्यास की उम्र तय नही है परन्तु आमतौर जो टेनिस विज्ञ बताते है उस उम्र को तो टेनिस खिलाडी कई बार धत्ता बता चुके है। मुगुरूजा के ३० साल की उम्र में सन्यास के बाद एक बार फिर टेनिस में सन्यास की उम्र पर सवाल खडे होने शुरू हो गये है।
मु्गुरूजा ने हालांकि अपने कैरियर में दो ही ग्राण्ड स्लेम जीते परन्तु उसका रिकार्ड शानदार रहा है। उसने कुल १० डबल्यूटीए खिताब जीते और डबल्यूटीए में नंबर एक भी रही है। वह ग्राण्ड स्लेम जीतने वाली प्रथम स्पेनिश महिला रही है। वह जनवरी २०२३ के बाद से टेनिस से दूर थी। उसने उस समय कहा था कि वो टेनिस में खेलने का अंतराल बढा रही है जिससे के वो अपने परिवार और दोस्तो के साथ समय बीता सके। उसने सन्यास लेते वक्त भी कहा कि वो एक नया अध्याय शुरू करेगी। इससे सवाल उठता है कि मु्गुरूजा द्वारा ३० वर्ष की उम्र में लिया गया सन्यास सही वक्त पर है। टेनिस की एक बडी संस्था अपने विश्लेषण के आधार पर टेनिस में रिटायरमेंट की उम्र २७.५ वर्ष मानती है। संस्था ने रिटायरमेंट की उम्र फिटनेस और क्षमता के आधार पर बतायी है। यह आकलन कोर्ट पर सही भी साबित होता है। उस लिहाज से मुगुरूजा के सन्यास का निर्णय सही प्रतीत होता है परन्तु कुछ समय पहले एशली बार्टी ने २५ साल की उम्र में सन्यास ले लिया था। ऐसा माना जाता है कि टेनिस में कोर्ट पर खेलने के लिए जिन क्षमताओ की जरूरत होती है वो २५ साल की उम्र के बाद कम होने लगती है और इस कारण से प्रतियोगी टेनिस छोडने की उम्र २८ वर्ष के करीब मानी जाती है। टेनिस में कमोबेश सन्यास लेने वालो की उम्र २८ से ३० साल होती है। उसके बाद १७ से २० की उम्र के नये खिलाडी आ जाते है जिनकी चुन्नौती का सामना करना कठिन होता है।
यह विश्लेषण उस समय झूठा साबित होने लगता है जब रोजर फेडरर ४१ साल की उम्र तक खेलते है। जोकोविच और राफेल नडाल ३७ साल की उम्र में भी कडी चुन्नौती युवाओ केा पेश कर रहे है। सेरनेा विलियम्स ४० साल की उम्र में भी वो ही फूर्ती दिखाती है। इससे पहले मार्टिना नवरातिलोवा ५०साल उम्र तक और जॉन मेकनरो ४६ साल की उम्र तक खेलेते रहे है। इवान लैण्डल, पैट केश, आन्द्रे अगासी ३५ साल की उम्र के बाद भी खेलते रहे है। जब इन खिलाडियो की रिटायरमेंट उम्र देखते है तो टेनिस की मानक रिटायरमेंट उम्र बेमानी लगती है। दरअसल हर एक टेनिस खिलाडी जब तक अपनी आय और क्षमता को सुरक्षित मानता है तब तक कोर्ट में डटा रहता है। उक्त सभी खिलाडी उम्र बढने के साथ भी युवा चुन्नौती के सामने टिके रहे है। एकल नहीं तो युगल के साथ कोर्ट में टिके रहे। रोजर फेडरर तो एकल में भी चुन्नौती के साथ खडे रहे । उनके लिए कोर्ट में जीतना सामान्य बात हो गयी थी।
जो खिलाडी २५ से ३० साल की उम्र में सन्यास लेते है। उनके पास दूसरा कैरियर शुरू करने का विकल्प भी होता है जबकि ४० साल की उम्र में रिटायर होने के पास ऐसी संभावना कम होती है। रिटायरमेंट का सीधा संबध आय और भविष्य की सुरक्षा से है। जब तक खिलाडी को लगता है कि टेनिस में उसका भविष्य और आय सुरक्षित है,वह खेलता रहता है। इस समय युवा खिलाडी भी अपना स्थान बनाने में नाकाम रहे है। हाल ही के वर्षो में ऐसा युवा नहीं आया है जो एक ग्राण्ड स्लेम जीतने के बाद अपनी रैकिंग में स्थिरता लाये । यदि ऐसा होता है तो पूराने खिलाडियो स्वत ही कोर्ट से हटना पडता है। इसलिए टेनिस में रिटायरमेंट की मानक उम्र बेमानी हो गयी है। अब बहुत कम ऐसे खिलाडी है जो ३०साल की उम्र तक सन्यास लेते है। अब ३० साल की उम्र के बाद तक खिलाडी खेलते रहते है परन्तु जिन खिलाडियो की रेकिंग गिरने लगती है वो जरूर २८ से ३० की उम्र में सन्यास ले लेते है। शीर्ष रैंकिंग के चलते बहुत कम खिलाडी कोर्ट छोडते है। मुगुरूजा की रैकिंग नहीं खेलने के कारण कम थी। मुगरूजा ने अपने कैरियर के उंचाईयो पर सन्यास लिया है। अब एशली बार्टी और मुगुरूजा जैसे उदाहरण कम है।
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Wednesday, April 24, 2024
टेनिस में सन्यास की उम्र का सवाल
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