मैं एक बार फिर
देर तक सोना चाहता हूूं
सूरज माथे पर चढ आये
तब तक
मां आवाजे देती रहे
मैं करवटे बदलता रहूं
अधखुली आंखो से जागूं
बिस्तर पर ही चाय ले लूं
अखबार के सारे पन्ने पढ् लूं
विज्ञापन भी
फिर लेट जाऊं और
देर तक सोता रहूं
दोपहर को पलंग पर लेटे हुए
टीवी के सारे सीरियल और
थोडी देर कोई मैच देख लूूं
शाम को चला जाऊं
किसी ठेले पर और
जी भर कर गोल गप्पे खाऊं
फिर किसी चाय की थडी पर
मित्र मंडली के साथ
थोडी क्रिकेट की और थोडी राजनीति की
चर्चा करूं
देर रात तक मित्र के घर पर
उसके पलंग पर लेटा रहूं
बहुत देर रात को घर लौटूं
जब घर के सारे लोग सो जायें
और मां धीरे कदमो से दरवाजा खोले
मैं धीमे कदमो से से अपने कमरे में जाकर
बिस्तर पर लेट जाऊं
और टीवी पर लेट नार्इट मूवी देखूं
फिर नींद ले लूं
और देर तक सोता रहूं
क्योंकि
मैं एक बार फिर
देर तक सोना चाहता हूूं ।
देर तक सोना चाहता हूूं
सूरज माथे पर चढ आये
तब तक
मां आवाजे देती रहे
मैं करवटे बदलता रहूं
अधखुली आंखो से जागूं
बिस्तर पर ही चाय ले लूं
अखबार के सारे पन्ने पढ् लूं
विज्ञापन भी
फिर लेट जाऊं और
देर तक सोता रहूं
दोपहर को पलंग पर लेटे हुए
टीवी के सारे सीरियल और
थोडी देर कोई मैच देख लूूं
शाम को चला जाऊं
किसी ठेले पर और
जी भर कर गोल गप्पे खाऊं
फिर किसी चाय की थडी पर
मित्र मंडली के साथ
थोडी क्रिकेट की और थोडी राजनीति की
चर्चा करूं
देर रात तक मित्र के घर पर
उसके पलंग पर लेटा रहूं
बहुत देर रात को घर लौटूं
जब घर के सारे लोग सो जायें
और मां धीरे कदमो से दरवाजा खोले
मैं धीमे कदमो से से अपने कमरे में जाकर
बिस्तर पर लेट जाऊं
और टीवी पर लेट नार्इट मूवी देखूं
फिर नींद ले लूं
और देर तक सोता रहूं
क्योंकि
मैं एक बार फिर
देर तक सोना चाहता हूूं ।