Wednesday, May 24, 2023

बारिशे



किसी दिन मै गहरी नींद से जागूंगा 

और तुम चली जाओगी। 

बारिशो में हम भीग जायेंगे

हमारे घरो में छत्‍ते नहीं है

तुम बाढ से बच रही होगी 

हम नदी में डूब रहे होंगे। 


 

मैने मेरे चेहरे की चमक को बहुत ढुंढा

जाते हुए तुमने बताया नहीं कहां रखी है 

मेरी हंसी, अल्‍हडपन कुछ भी तो नहीं मिला 

सारी चाबियां तुम साथ लेकर गयी है। 

पानी में मैने सारे रंग घोल दिये है 

सफेदी फिर भी जाती नहीं है 

मै पहाडो से कूद गया 

हवाओ में रवानी फिर भी नहीं मिली है। 

उसे किसी की जरूरत नहीं है 

वो अकेले ही आसामन को खोज लेगा 

चांद भले ही ना हो 

वो सितारो को मुटठी में कर लेगा। 


पानी बहुत बह गया है 

रात को शायद कोई जी भरकर रोया है। 

दूर तक परछाईयां दिखाई देती है 

परन्‍तु तुम नहीं दिखाई देती हो

उदासियो से मैने अपना मुंह धोया है 

नींदे किसी कबाडी को बेच दी है

यादो को मोडकर किसी डिब्‍बी में बंद कर दिया है 

सपने

अब सफेद नजर आयेगे

क्‍योंकि रंगीनीया सारी तुम ले गयी हो। 

सोचता हूं 

मै फिर से सो जाउं

तुम वापिस चली आओगी। 


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