Wednesday, September 27, 2023

हांगझोऊ एशियन गेम्स

 


एशियन गेम्स 2023 चीन के हांगझोऊ शहर में शुरू हो चुके है। यह एशियन गेम्स 2022 में आयोजित होने थे परन्तु कोविड के कारण इनका आयोजन 2023 में हो रहा है। पहने दो दिनो में चीन 40 से ज्यादा स्वर्ण पदक जीतकर प्रथम स्थान पर बना हुआ है और ऐसा लगता है कि वो अंत तक प्रथम स्थान पर बना रहेगा। चीन वैसे भी एशिया में खेलो मे ंसबसे आगे है और इस बार मेजबान होने के कारण उसकी पदक संख्या में और वृद्धि होगी। भारत भी अपनी ठीक शुरूआत कर चुका है। दो दिनो में दो स्वर्ण जीतकर छठे स्थान पर बना हुआ है। इस बार भारत को युवा खिलाडियो से बहंत ज्यादा उम्मीदे है क्योंकि एशियाई खेलो का प्रदर्शन ही आने वाले ओलम्पिक खेलो की प्रेरणा बनेगा। भारत के लिए चुन्नौती इसलिए भी बडी है क्योंकि वह जकार्ता एशियाई खेलो में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर चुका हे। जकार्ता में भारत ने 16 स्वर्ण सहित कुल 70 पदक जीते जो भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ट प्रदर्शन है। भारत के लिए इस आंकडे को पार करना सबसे बडी चुन्नौत्ती होगी। 


भारत में हाल ही के वर्षो मे ंखेलो के लिए उत्साहवर्द्धक माहौल बना है। भारत के युवाओ ने ऐसे खेलो में अकल्पनीय सफलताऐं हासिल की है जिससे युवाओ का रूझान खेलो की ओर हुआ है। भारत में एथलेटिक्स में नीरज चौपडा की सफलता ने देश में एक नया माहौल पैदा किया है जिससे युवाओ में यह विश्वास पेदा हुआ कि वे क्रिकेट के अलावा भी अन्य खेलो के द्वारा भी अपना नाम कमा सकते है। नीरज चौपडा ने युवाओ को एक नया जोश दिया कि वे एथलेटिक्स को भी कैरियर बना सकते है। पीवी संधु और मीरा बाई चानू की सफलताओ ने इसे परे जाकर नयी उम्मीदे जगायी है। महिला क्रिकेट में भारत ने नये आयाम छुऐ है। इससे देश में यह विश्वास पैदा हुआ है कि महिलाये भी खेलो में भारत के लिए बडी सफलताऐं प्राप्त कर सकती है। महिला क्रिकेट की सफलताओ ने यह दिखा दिया कि खेलो में देश को पदको के लिए केवल पुरूषो पर निर्भर रहना जरूरी नही है बल्कि महिलाऐं भी पदक दिलाकर देश का नाम रोशन कर सकती है। इसी सोच के साथ भारत हांगझोऊ गेम्स में भाग ले रहा है। भारत की महिलाओ ने क्रिकेट में पहला स्वर्ण पदक जीत कर इसकी शुरूआत कर दी है। भारत ने जकार्ता में 69 पदक जीते थे परन्तुं पदक तालिका में में 8वां स्थान प्राप्त किया था। भारत ने पदकतालिका में 1951 में दूसरा स्थान, 1962 में तीसरा, 1966 और 1970 में पांचवा स्थान प्राप्त किया था। यह भारत के पदकतालिका मे उच्च स्तर है। भारत वापिस अब तक इन प्रदर्शनो को दोहरा नही पाया हे। भारत के युवाओ की हाल की सफलताओ से हांगझोऊ में यह उम्मीद जगी है। भारत ने अच्छी शुरूआत करके इसका आगाज कर दिया है। 


भारत ने इस बार बहुत बडा दल हांगझोऊ के लिए भेजा है। इसमें एथलेटिक्स की संभावनाऐं ज्यादा हे। एथलेटिक्स का दल बहुत बडा है जिसमें नीरज चौपडा भी शामिल है। इसके साथ ही अविनाश साबले और ज्योति बाराजी से भी पदक की उम्मीदे है। यह माना जा रहा है कि इस बार एथलेटिक्स में भारत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकता है। भारत को जिन नये खेलो मे ंउम्मीदे है उनके क्रिकेट और तीरंदाजी है। क्रिकेट में एक स्वर्ण पदक जीत चुका है और पुरूष वर्ग में भी भारत को उम्मीद है तीरंदाजी में अदिति गोपीचंद स्वामी से भारत को बहुंत बडी उम्म्ीद हे। निकित जरीन में बौक्सिंग मे भी भारत के लिए आशाऐ जगायी है। बोक्सिंग में भारत को इस बार अधिक पदक की उम्मीद है जो जरीन और लवनीना के रहते पुरी हो सकेगी। भारतीय टीम इस बार पूरे जोश के साथ एशियन गेम्स में गयी है। टीम को बहुत बडी उम्मीदे खेल प्रेमियो को नही है परन्तु टीम इतनी प्रतिभाशाली है कि वो गेम्स में पदको की झडी लगा सकती है। भारत ने एथलेटिक्स में 68 सदस्यो का दली भेजा है। इस दल से ज्यादा उम्म्मीदे है और यही दल है जो सबसे ज्यादा सुर्खिया बटारेगा। 



भारत के लिए एशियाई खेल खास महत्व रखते है। भारत को इन खेलो में अच्छा प्रदर्शन करना ही चाहिए। एशियाई खेलो में पदक तालिका में उच्च स्थान प्राप्त करना देश की प्रगति के अवसरो को बताता है। खेलो की सफलता बताता है कि देश विकसित राष्ट्र की ओर कितना बढा है। पिछले कुछ सालो में देश के खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। इसका असर खेलो में देखा गया है। राष्ट्रमण्डल खेलो में भारत का प्रदर्शन इस बात का गवाह है। इससे युवाओ में आत्मविश्वास भी आता है और उन्हे लगता है कि वे देश के लिए कुछ कर सकते है।  एशियाई खेलो की सफलता ओलम्पिक के लिए मार्ग बनाती है। इसे ओलम्पिक की तैयारियों के रूप में भी लेना चाहिए। भारत को एशिया में महाशक्ति बनने के लिए खेलो में भी अपना जलवा दिखाना होगा। भारत के पदको की संख्या सौ नही तो लगभग सौ के आसपास तो होनी ही चाहिए। यह भारत क ेलिए अच्छी बात है कि हर एक खेल में युवा आगे आ रहा है। न केवल आगे आ रहा है बल्कि सफलताऐं भी हासिल कर रहा है। हाल ही के दिनो में ऐसी प्रतियोगिताओ में भारत ने सफलता हासिल की है जिनके बारे में कभी सोचा ही नही गया हो। नीरज चौपडा की सफलता इसी प्रकार की है। 


हांगझोऊ में भारत सफलता की नयी इबारत लिख सकता है। यह सबसे अच्छी बात है कि इस बार उम्मीदो का बोझ भारत पर नही है क्योकि एशियाड के साथ क्रिकेट का विश्वकप भी आयोजित होने जा रहा है। इस कारण भारतीय खिलाडी उन्मुक्त होकर प्रदर्शन कर सक्रेेगे। भारत को जकार्ता ओलिम्पिक से आगे निकलकर पदको की संख्या लगभग सौ पहंुचानी होगी। नीरज चौपडा की सफलता को भुनाते हुए और अधिक पदक जीतने होगे। भारतीय युवाओ की प्रतिभा देखते हुए यह संभव हे। हांगझोऊ में भारत की उम्म्ीदो की उडान कर तक उड पाती है यह देखना बाकि है। 

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सीताराम गेट के सामने, बीकानेर 

9413769053