एशिया कप किकेट की बात होती है तो
निश्चित रूप से हमारे दिमाग में भारत और पाकिस्तान आते है। पूरी दुनिया में क्रिकेट पर बादशाहत करने
वाले ये दो देश एशिया में क्रिकेट के पर्याय माने जाते है परन्तु आपको यह जानकर
हैरानी होगी कि एशिया कप के फाईनल में एक बार भी भारत और पाकिस्तान का मुकाबला
नही हुआ है जबकि अब तक इसके पन्द्रह संस्करण खेले जा चुके है। एशिया कप दुनिया
के पूराने टुर्नामेंटो में से एक है और इसकी शुरूआत १९८४ में यूएई से हुई थी। यह
भी सही है कि पूरी दुनिया में एशिया में क्रिकेट की भारत और पाकिस्तान के मुकाबले
मशहूर है परन्तु एशिया कप में भारत पाक मुकाबले बहुत कम हुए और फाइ्र्नल में तो
आपस में भिडे ही नही है। पाकिस्तान तो मात्र दो बार इसे हासिल कर पाया है। उन
दिनो में भी पाकिस्तान इसे हासिल नहीं कर पाया था जब श्रीलंका कमजोर टीम मानी
जाती थी और टुर्नामेंट तीन टीमो के बीच ही होता था। इस बार खेला जा रहा एशिया कप
भारत और पाकिस्तान मुकाबले के कारण उत्सुकता का केन्द्र बना गया हे। इस बार
फाईनल भारत और पाकिस्तान के बीच होने की संभावनाऐ भी व्यक्त की जा रही है। चार
दशक बाद भी एशिया कप क्रिकेट दुनिया ए क्रिकेट में आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।
बदलते वक्त के साथ एशिया कप
में प्रतिस्पर्धा बढ गयी है। १९८४ में शुरू हुई प्रतियोगिता में पहले केवल तीन
देश ही भाग लेते थे। उनमें भी श्रीलंका दुनिया की सबसे कमजोर टीम होती थी। इसके
बावजूद उस समय भी एशिया कप को देखने वालो की संख्या ज्यादा थी। उस समय भी इस
प्रतियोगिता को भारत और पाकिस्तान के मुकाबले के लिए पसंद किया जाता था। यह
टुर्नामेंट भारत और पाकिस्तान के खराब राजनैतिक संबधो की भेंट भी चढता रहा है।
१९९०-९१ के टुर्नामेंट में
भारत और पाकिस्तान के खराब संबधो के चलते पाकिस्तान ने इस टुर्नामेंट में भाग
नहीं लिया। १९९३ का टुर्नामेंट भारत और
पाकिस्तान के खराब संबधो के कारण रदद ही कर दिया गया। पिछले पांच वर्षो से भारत
और पाकिस्तान के खराब संबधो के चलते टुर्नामेंट यूएई में आयोजित हुआ। इस बार के
टुर्नामेंटपर भी इन संबधो का साया है। भारत और पाकिस्तान का लीग मैच भी श्रीलंका
के कैण्डी में खेला जायेगा। टुर्नामेंट शुरू होने से पहले तक पाकिस्तान खेलने से
इनकार कर रहा था परन्तु आईसीसी के नियामो के चलते वो खेलने को राजी हुआ । इसके
बाद से इस मुकाबले को भारत-पाकिस्तान के महामुकाबले को लेकर माहौल बनाया जा रहा
है। जब हम भारत – पाकिस्तान के महामुकाबले की बात करते है तो यह भूल जाते है कि
वो एशिया कप के टुर्नामेंट में खेल रहे है जहां दूसरी और टीमे भी खेल रही है। यह
भी उल्लेखनीय है कि इस टुर्नामेंट को भारत ७ बार श्रीलकां ६ बार और पाकिस्तान
सिर्फ दो बार जीता है। भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार भी फाईनल नहीं हुआ है
परन्तु १७ लीग मैच हुए है जिसमें ९ में भारत जीता है और ६ में पाकिस्तान जीता
है। पिछले वर्ष २०२२ में दोनो टीमो में एक एक मैच जीता है। इसके बावजूद एशिया कप
क्रिकेट को भारत पाकिस्तान महामुकाबले के तौर पर देखा जा रहा है।
इस बार एशिया कप वनडे
फॉर्मेट में खेला जायेगा। पिछले साल यह टी-20 के फॉर्मेट में खेला गया था। इस बार
ग्रुप ए में भारत और पाकिस्तान के अलावा नेपाल भी शामिल है वहीं ग्रुप बी में
श्रीलंका बांग्लादेश और अफगानिस्तान है। ग्रुप बी अपेक्षाकत कठिन ग्रुप है।
इसमें किसी भी टीम को कम नहीं आंका जा सकता है। वहीं ग्रुप ए आसान है। नेपाल नया
क्वालिफायर है। नेपाल के लिए यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वो भारत और पाकिस्तान
का मुकाबला किसी तरह से करता है। मुख्य मुकाबला भारत और पाकिस्तान के बीच ही
रहेगा। इस बार भारत और पाकिस्तान के बीच फाईनल होने की प्रबल संभावना है। पाकिस्तान
की टीम इस समय बेहद मजबूत स्थिति में है वहीं भारत की टीम भी बुमराह की वापसी के
बाद संगठित आक्रमण के लिए तैयार है। भारत की शुरूआती बैटिंग लाइन किसी भी आक्रमण
की बधिया उधेडने में सक्षम है। भारतीय टीम की सलामी जोडी यदि सफल होती है तो भारत
के लिए मैच काफी आसान हो जायेगे। शुभग गिल अपनी लय कैसे बरकरार रख पाते है,उसी पर
बहुत कुछ निर्भर करेगा। गेंदबाजी में भारत के लिए बेहतर विकल्प उपलब्ध है। देखना
यह है कि प्रबंधन इन विकल्पो का कैसे उपयोग कर पाते है। भारत के दिमाग में पाकिस्तान
की टीम ही केन्द्र में रहेगी क्योंकि लीग मैचो में पाकिस्तान को हराना महत्वपूर्ण
होगा ताकि ग्रुप टॉप कर सके। दूसरे दौर में भी उसे टॉप टु में रहने के लिए पाकिस्तान
को हराना ही होगा। टुर्नामेंट का फॉमेंट इस प्रकार का है कि दर्शको को टुर्नामेंट
में कम से कम दो बार भारत पाकिस्तान का मुकाबला देखने को मिले। यह मुकाबला उस समय
और महत्वपूर्ण हो जाता है जब दोनो देशो के बीच द्विपक्षीय सीरीज २०१३ में बाद
खेली नहीं गयी है।
इन सब के बावजूद एशिया कप को
भारत और पाकिस्तान से ईतर बडे फलक पर देखा जाना चाहिए। यह भी देखा जाना चाहिए कि
क्वालिफाई टुर्नामेंट खेलकर नेपाल जैसी टीम मुख्य मुकाबला खेलने के लिए आयी है।
अफगानिस्तान जैसी टीम किसी भी टीम को पटकनी दे सकती है। अब्दुल राशिद की
गेंदबाजी टुर्नामेंट में चार चांद लगायेगी।बांग्लादेश एक बार भी प्रतियोगिता नहीं
जीत पाया परन्तु बांग्लादेश टीम भी एक दावेदार है और वो टीम इतनी सक्षम है कि
टुर्नामेंट जीत सकती है। हमे इन टीमो के मुकाबलो को भी देखना चाहिए। इन टीमो के
मैचो में भी रोमांच चरम पर होता है। खासकर बाग्लादेशी क्रिकेट जो क्रिकेट को लेकर
बहुत जुनूनी है। भारत और पाकिस्तान की असली परीक्षा इन टीमो के विरूद्धद मुकाबलो
में होगी । इसलिए एशिया कप को भारत – पाकिस्तान के महामुकाबले के नजरयिे न देखकर
इसे वहद स्तर पर 6 टीमो के मुकाबले के तौर पर देखा जाना चाहिए। इस बार टीमो के
संयोजन को देखते हुए यह संभावना नजर आ रही है कि टीमो के बीच मुकाबला कांटे का
रहेगा और बल्ले और बॉल का रोमांच चरम पर रहेगा।
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