मै जब यह पढ़ रहा था तो यह
कभी लगा ही नही कि मै एक खिलाड़ी को लिखे पत्र को पढ़ रहा हूं। मुझे ऐसा लगा कि
किसी शास्त्रीय संगीत की धारा में बह रहा हूं या फिर किसी प्रतिष्ठित साहित्यकार
की किताब को पढ़ रहा हूं। बिलकुल ऐसा ही लगा जब मै इस साल के खेलो की दुनिया में
हुए दो रिटायरमेंट के बाद लिखे पत्रो को पढ़ रहा था। ऐसा लगा जैसे एक सरल सलिल
नदी बह रही है और उसके पानी के साथ एक शास्त्रीय धुन के साथ जा रहा हूं। इस साल
टेनिस से रिटायर हुए रफाल नाडेल को लिखा गया उसके प्रतिद्वन्द्वी फेडरर का पत्र
और क्रिकेट आर. अश्विन के रिटायर होने पर
उसकी पत्नी का लिखा गया पत्र। ये दोनो पत्र किसी खेल के नही बल्कि साहित्य के
पत्र मालूम होते है। उनके एक एक शब्द उन दोनो खिलाडि़यो के पूरे खेल जीवन में
शीतल हवा की ठंडी बयार है।
क्रिकेट आर. अश्वनि ने हाल ही में आस्ट्रेलिया दौर के बीच में
ही अपने रिटायरमेंट की घोषणा की। उन्होने क्यों घोषणा की और कैसे की यह सब
क्रिकेट का विषय हो सकता है परन्तु उनकी पत्नि प्रीति ने अपने पति को जो पत्र
लिखा उसे पढकर आपके पास भावुक होने के लिए पर्याप्त कारण है। वो लिखती है बड़ी
जीत, प्लेयर
ऑफ द सीरीज पुरस्कार, एक गंभीर मुकाबले के बाद हमारे कमरे में एकदम शांति, कभी भी शाम में खेल के बाद
शॉवर की देर तक आती आवाज, सामान्य से अधिक दौड़ना, कागज के उपर अश्विन का लिखते हुए पेंसिल की खरोंच, जब वह गेम प्लान बना रहा
होता है तो फुटेज वीडियो की लगातार स्ट्रीमिंग,
प्रत्येक मुकाबले के लिए निकलने से
पहले एक लंबी सासं लेते हुए खुद का शांत रखने की कोशिश, आराम करते हुए गाने सुनना और
उसे लूप कर लगातार दोहराना....... वह समय जब हम खुशी में रोए थे – चैम्पियस ट्रॉफी
फाईनल के बाद, मेलबर्न जीत के बाद, सिडनी ड्रा के बाद,
गाबा की जीत, टी२० में वापसी करने के
बाद..... वह समय जब हम मौन बैठे थे और वह समय जब हमारे दिल टूट गये थे। वो अपने
पति को एक गर्ल फैन की तरह लिखते हुए कहती है कि प्रिय अश्विन, किट बैग कैसे रखा जाता है ये
ना जानते हुए भी दुनिया भर के स्टेडियमो मे आपके साथ चलना, आपका समर्थन करना, आपको देखना और आपसे सीखना
परमआनंददायक रहा। वो अंत में लिखती है कि
यह आपके उपर बोझ कम करने का समय है। आप अपनी शर्तो पर जीये, उन अतिरिक्त कैलोरिज के लिए
जगह बनाऐ, अपने परिवार के लिए समय निकाले,
कुछ भी न करने के लिए समय निकाले, पूरे दिन मीम्स साझा करे, हमारे बच्चो के दिमाग से
गंदगी निकाले, बस यह सब करे। यह पत्र उनके पूरे क्रिकेट कैरियर पर एक ठंडी बयार
है। अश्विन की पत्नी के ये शब्दो में साहित्य प्रभाव है। उनका यह लिख्ना कि कुछ
भी न करने के लिए समय निकाले, दिल को छु गया। यह पत्र रिटायरमेंट पर एक क्रिकेटर के लिए सबसे
बड़ा तोहफा है।
ऐसा ही एक रिटायरमेंट टेनिस खिलाड़ी राफेल नडाल का हुआ। नडाल के
रिटायरमेंट से पूर्व उनके सबसे बड़े प्रतिद्वन्द्वी रोजर फेडरर जो उनसे पहले
रिटायर हो चुके थे ने राफेल नडाल को जो पत्र लिखा उसे भी साहित्य के क्षेत्र में
उच्च श्रेणी में रखा जायेगा। उनका पत्र पढ़कर आपको ऐसा लगेगा कि आप बादलो के बीच
तैरते हुए संगीत का आनंद ले रहे हो। वेा लिखते है आपने मुझे अपने खेल की फिर से
कल्पना करने पर मजबूर कर किया। यहां तक कि मैने अपने रैकेट के सिर का आकार भी बदल
दिया ताकि किसी भी तरह की बढ़त हासिल कर सकूं। मै बहुत अंधविश्वासी व्यक्ति नही
हूं, लेकिन
आपने इसे अगले स्तर तक पहुंचा दिया। आपकी पूरी प्रक्रिया। वो सभी रस्मे। अपनी
पानी की बोतल को खिलौने के सैनिको की तरह फॉर्मेशन में इकटठा करना, अपने बालो को ठीक करना, अपने अंडरवियर को एडजेस्ट
करना......... ये सब तीव्रता के साथ। गुप्त रूप से , मुझे यह सब पसंद आया, क्योंकि यह बहुत अनोखा था-
यह बिलकुल आपकी तरह ही था और आप जानते है कि खेल का और ज्यादा मजा लेने के लिए
आपने प्रेरित किया।
वो इससे आगे और भावुकता के साथ लिखते है कि जब मैने नंबर 1
रैंकिंग हासिल की थी तो मुझे लगा था कि मै दुनिया में सबसे उपर हूं और मै था -दो
महीने बाद तक, जब आप मियामी में अपनी लाल स्लीपलेस शर्ट में कोर्ट में उतरे, अपनी बाईसेप्स दिखाते
हुए और आपने मुझे आसानी से हरा दिया। इसके
बाद वो यह भी लिखते है कि मै उन यादो के बारे में सोचता हूं जो हमने साझा की
है.... साथ में खेल को बढ़ावा देना। वह मैच आधी घास,
आधी मिटटी पर खेलना। दक्षिण अफ्रीका
के कैप टाउन में ५०,००० से ज्यादा फेंस के सामने खेलना। हमेंशा एक दूसरे को हंसाते
रहना। कोर्ट में एक दूसरे को थका देना और फिर कभी कभी ट्राफी समारोहो के दौरान एक
दूसरे को थामना। वो यह भी लिखते है कि जब भी मै क्ले कोर्ट में हराने के लिए
कोर्ट में उतरता तो मुझे लगता कि मै आपके आंगन मे पैर रख रहा हूं। वो लिखते है कि
आपका पूराना दोस्त आपका हमेशा उत्साहवर्द्धन करता रहेगा। राफा हमेंशा शुभकामनाऐं, आपका प्रशंसंक, रोजर।
ये दोनो पत्र ऐसा भाषा शैली में लिखे गये है कि ये न केवल खेलो की
बल्कि साहित्य की धरोहर बन गये है। अश्विन की पत्नी प्रीति के पत्र ने अश्विन के रिटायरमेंट को
खास बना दिया। उसने उनके खेल के दौरान जिये उन एकांत क्षणो को साझा किया है जिसे
पढकर हर कोई भावुक हो जाये। यह अश्विन के लिए तो सचमुच बहुत भावुकता वाला क्षण
होगा। ऐसा ही क्षण रोजर फेडरर का पत्र पढ़कर राफेल नडाल ने जीया होगा। ऐसे पत्र और
शब्द आपके जीवन का भावुकता भरा विश्लेषण करते है।
-------