Sunday, September 24, 2017

पवित्र आवाजे

एक कवि‍ता

अल सुबह
सड़क पर कुछ एक वाहनो
के हाॅर्न को
स्कूल जाते बच्चो के शोर को
सडक पर झाडू बुहारती
महिलओ की बातो को
दूध वाले और अखबार वालो
की आवाजो को
अपने कानो के बिलकुल पास से
निकालते हुए
अपना चेहरा नीचे किये
कुछ बुदबुदाते हुए
तेज कदमो के साथ
सफेद साड़ी में
कुछ महिलाऐ जा रही है
सीधे आश्रम में
जहां वे अपने कान
खोल देगी
पवित्र आवाजो
के लिए ।


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