रेत के टीले
पूरी तरह से
मौन है
सूरज की तपन
भी उन्हे विचलित
नहीं कर पायी है
पवन की लहर
चलती है
टीलो के सपनो को
एक लय में उडा
ले जाती है
वे
देखते है उन्हे जाते हुए
अपने से दूर
खेजड़ी से लिपट कर
वे पवन से
संघर्श करते है
पर
वह उन्हे अपने साथ
ले जाती है
किसी और के
सपनो को पूरा करने के लिए
निर्मिषेश होकर देखते रहते है
टीले
अपने सपनो को
पवन के साथ जाते हुए
बिलकुल मौन होकर ।
पूरी तरह से
मौन है
सूरज की तपन
भी उन्हे विचलित
नहीं कर पायी है
पवन की लहर
चलती है
टीलो के सपनो को
एक लय में उडा
ले जाती है
वे
देखते है उन्हे जाते हुए
अपने से दूर
खेजड़ी से लिपट कर
वे पवन से
संघर्श करते है
पर
वह उन्हे अपने साथ
ले जाती है
किसी और के
सपनो को पूरा करने के लिए
निर्मिषेश होकर देखते रहते है
टीले
अपने सपनो को
पवन के साथ जाते हुए
बिलकुल मौन होकर ।
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