Saturday, September 23, 2017

मौन

रेत के टीले
पूरी तरह से
मौन है
सूरज की तपन
भी उन्हे विचलित
नहीं कर पायी है
पवन  की लहर
चलती है
टीलो के सपनो को
एक लय में उडा
ले जाती है
वे
देखते है उन्हे जाते हुए
अपने से दूर
खेजड़ी से लिपट कर
वे पवन से
संघर्श करते है
पर
वह उन्हे अपने साथ
ले जाती है
किसी और के
सपनो को पूरा करने के लिए
निर्मिषेश होकर देखते रहते है
टीले
अपने सपनो को
पवन के साथ जाते हुए
बिलकुल मौन होकर ।

No comments:

Post a Comment