Sunday, April 2, 2023

झबरू

 

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धरमसाळा  री पिरोळ गढ रै पिरोळ जिती बडी ही। पिरौळ रै फाटकां माथै शूळ जिस्‍या तीरीयां तो हा कोयनी पण तीरीयां री जग्‍या चमकीले कलर रै मांय चौरस डिजायन बणियोडी ही। पिरोळ रै बिचाळै म्‍है उभौ ईयां लाग रैया हो ज्‍याण कै कुवै रै मांय जिनावर उभौ हुवै। आप म्‍हनै राजा मानौ तौ म्‍है पिरोळ बिचाळै राजा उभौ हुवै ज्‍याण उभौ हो। म्‍हारै आगै धरमसाळा री बरसाळी ही। बरसाळी रै आगै म्‍हारै साम्‍हे धरमसाळा रै सैठ रै दादौ सा री मूरत ही। मूरत रै माथै तावडे अर बिरखा सूं बचण खातर लौ रौ छोटौ सौ छपरौ हो। छपरै माथै दो चार कबूतर बैठा हा। मूरत रै चारां कांनी छौटौ सौ बाग हो। बाग री बैंच्‍या खाली ही। म्‍हारै एक कानी काउंटर हो। काउंटर री सीट माथै पागडी पैरोडो अर मुंडै रै मांय पान चबावतौ एक जणौ बैठयो रजस्टिर रै मांय पैन सूं लिख रैया हो। बिगैं आगै जात्री उभा हा। काउंटर रै लारै भौत बडी सैठ रै दादौ सा री तस्‍वीर लागौडी ही। दूजै कानी धरमसाळा री लाईब्रेरी  ही। जठै एक जणौ बैठौ छापौ बांच रैयौ हो। धरमसाळा री बरसाळी रै मांय कबूतरां रै पंखा रै फडफडाणै री आवाज आ रैयी ही। सागै जात्री बोल रैया हा। और कीं आवाज ईती बडी धरमसाळा रै मांय नीं ही। ईयां मैसूस हो रैया हो कै एक सूने गढ रै मांय दो चार लोगां रौ बोलारो हुव्‍वै। म्‍है हौळे हौळे दो पग आगै बधाया। म्‍हारै जूतां री आवाज बरसाळी रै मांय सुणीज रैयी ही। म्‍है काउण्‍टर माथै ग्‍यो, अर म्‍हारै कमरै री चाभी ली। चाभी लै अर म्‍है दूजै कानी री बरसाळी रा दो पगातियां चढया। म्‍हनै कीं नीं सुणीज रैया हो। आ बात नीं है के म्‍हारे कानां रै मायं की खराबी ही। पूरी धरमसाळा रै मायं बैवंती सूनी हवा मैसूस कर रैयो हो। दो पग आगूण उपरली बलकानी रै मांय जावण खातर पगातियां री नाळ ही। नाळ रै मायं दो कबूतर बैठया गूटर गूं कर रैया हा। म्‍है पगातियां चढतौ ज्‍यू म्‍हारै जूतां री आवाज आ रैयी ही ज्‍याण शौले फिलम रै मायं गब्‍बर सिंह रै जूतां री आवाज आवै।

म्‍है पगातियां चढ अर उपरली बालकानी रै मायं आ ग्‍यो। उपर री गैलेरी रै मायं सगळा कमरा रै आगै कूंटा माथै ताळा लटक रैया हा। छात माथै तीन पंखा लागौडा हा। अबै ठंड कम ही । पण पंखा चलाणै रौ मौसम नी हो। पंखा माथै चिडकल्‍यां बैठण लागगी ही । ईण पंखा माथै भी चिडकल्‍यां बैठी ही। गैलेरी री झाळया मांय सूं झीणौ तावडो आ रैयो हो। पूरी गैलेरी रै मांय कोई मिनख नी हो। ठैठ गैलेरी रै दूजी ठौड झीणै तावडै रै मायं पूराणौ कोट पैरोडो झबरू बैठो हो। माथै रै मायं काळै कैसां रै सागै दो चार धौळा केस चमक रैया हा। मुंछां रै मांय भी धौळा केस चमकण लाग रैया हा। आपरा गोडा भैळा करियोडा। हौळे हौळे गुन गुन कर रैयो हो। सुनी गैलेरी रै मायं झबरू रै गुन गुन री आवाज भीतां माथै चिप अर गूंज रैयी ही। पूरी गैलेरी रै कमरां रै मायं एक कमरौ म्‍हारै कनै अर दूजौ दूजै जात्री कनै हो। पूरी गैलेरी रै मायं म्‍है दो जात्री रूकोडा हा। म्‍हनै आवंतै देख झबरू उभौ हो अर हौळे हौळे भागतौ भागतौ म्‍हारै कनै आयौ।

बाउजी । चा लाउं कांई । ठंड भौत पड रैयी।झबरू आपरै दौनू हाथां री आंगळियां भैळी करियोडो बोल्‍यो।

नीं रैवण दै। म्‍है आराम करसूं। म्‍है जवाब दियौ।

बाउजी। अदरक री चा पी लो। गरमास रैसी। पढाई सौरी हुयसी। झबरू फैर कैयो।

अरै यार। अबै तुं ईत्‍तौ कैवे जणै जा लै आजा। म्‍है कैयो।

म्‍है म्‍हारै कमरै रौ ताळौ कूंटौ खोल्‍यो अर मायं बडग्‍यो। कमरै रै मांय माचै माथै पौथ्‍यां ईनै बिनै पडी ही। टैबुल माथै पाणी री बौतल गुडक्‍योडी ही। म्‍है कुरसी माथै बैठ अर जमीन माथै टांगा लंबी कर ली । म्‍है रावत मिष्‍ठान भंडार तक जा अर आयो हो। बारै ठंडी हवा चाल रैयी ही। आज ईम्तियान नीं हो। अबै दौ दिन री छुटी रै बाद दूजौ पेपर है। म्‍हारै त्‍यारी करियोडी ही। ईण कारण म्‍है आज थोडो आरोम सूं हूं। अबकी बार पेपर सौरा ही हा। लारली बार पेपर दौरा घणा आया हा। म्‍है लारलै दो सालां सूं सीएस रा पेपर दैवण नै जोधपुर आउं हूं। अबकी बार फाईनल पैपर हा। ईण धरमसाळा रै मांय म्‍हनै की याद नीं रैवै खाली औ झबरू याद रैवे। म्‍है सरदी रै मायं आउं हूं जणै म्‍है ईण नै हमेस औ पूराणो कोट पैरियोडो ही देखू। हाथ आपस रै मायं बांधोडा भागतौ रैवे। रात हौवते ही बाउजी थारीं सिरख आयगी है। आ लौ बाउजी थांरो तकियो। हर अेक जात्री रौ घर आळै ज्‍यू ठा राखै। म्‍हारी तौ औ घणी सैवा करै । म्‍हनै आवंतै ही पूछै बाउजी । घरै सब ठीक है। म्‍है धरमसाळा छौडू जणै ईण नै कांई ना कांई बख्‍शीस दे अर जाउं। म्‍है ईण नै घर रै बारै म्‍है पूछूं जणै कैवे – बाउजी। म्‍हारौ ब्‍यावं मंडसी जणै म्‍है घरै जायसूं। म्‍है पूछू- थारो ब्‍यावं कद होयसी जणै जवाब दैवे- म्‍हारै घर आळा छौरी देखे । सगपण पक्‍को हौवंते ई बाबूसा री चिटठी आ जासी। बाउजी थानै भी ब्‍यावं रै मायं चालणो है। ब्‍यांव रौ नांव लैवंते ई झबरू रै सरमा जावै। पूरी धरमसाळा रै मायं म्‍हनै झबरू ई घूमतौ दिखै। नीचे सूं सेठ आवाजां लगावंतौ रैवे झबरू..........झबरू................झबरू.....। ईण धरमसाळा री पैचाण झबरू ही है।


म्‍है छात पर लटकोडे पंखै नै देख अर सोच रै मायं डूबोडो हो। बांडै रौ खडकौ हौवंतै ही म्‍है सौच सूं बांडे आयग्‍यो। लौ बाउजी। गरमागरम चा। म्‍है झबरू रै हाथां सूं चा आपरै हाथ मांय लै ली। झबरू बांडै कानी मुडग्‍यो। फैर पाछौ घूम्यो । फैर म्‍हारै साम्‍ही उभौ हुयग्‍यो। आपरा दौनू हाथ आपरी ठोडी कनै भैळा कर उभौ हो। म्‍है पूछयो कीं पिसा दूं क्‍या।

नीं बाउजी । पिसा री जरूरत नीं है।

तौ

बाउजी। म्‍हारी चिटठी बांच दैसौ कांई। आपरै भौळे मुंडै सूं बोल्‍यो।

क्‍यूं नीं। बांच दैसां।म्‍हारै आ कैवते ई । आपरै कोट री जेब मायं हाथ घाल अर हळको टेडो होय अर चिठी निकाळ अर म्‍हनै दी। चिठी एक अंतरदेसी पत्‍तर हो। अंतरदेसी पत्‍तर म्है फाड अर बांचणौ सुरू करियो- म्‍है अठै सगळा राजी हा। तुं भी सैर रै मायं राजी हुवैला। थारी मां एकदम राजी है। तनै रोज याद करै । अजेरी गांव सूं एक सगपण आयोडो है। बात चालै है। बात पक्‍की होयसी तौ म्‍है तनै छौरी रो फौटू भेजसूं। रोटी पाणी  चोखी तरीके सूं खाये। ब्‍यांव खातर सरीर त्‍यारं करनौ है। रात नै दूध जरूर पीजै। जोधपुर री गळी मै दूध री मळाई मिलै । सेठां ने चिठी लिखोडी है। व्‍है थारै खातर दूध अर मळाई ला अर दैवेला। खा लीजै। मन लगा अर काम करीजै। म्‍है चिठी बांची। चिठी सुणतै ई व्‍हौ घणौ ई राजी हुयौ। चिठी सुण अर म्‍हनै पूछयो – बाउजी । अबकी बार म्‍हारो ब्‍यांव पक्‍कौ हो जासी नीं।

म्‍है कैयो – हुवै क्‍यूं कोयनी। थारै ईत्‍ती बढिया नौकरी है। अठै थारो रैवास भी चोखो है। म्‍हारी बात सुण अर राजी हौवंतौ बोल्‍यो- म्‍हारा बाबूसा म्‍हारै खातर चोखो सगपण देखै। ईण खातर देर लाग रैयी है। ठीक बाउजी। अबै आप पढाई करौ। कीं चीज री जरूरत हुवै तौ म्‍हनै आवाज दे दी जौ सा। आ कै अर झबरू बांडौ खौल अर निकळग्‍यो। म्‍है झबरू रै बारै मांय सोचण लाग ग्‍यो। उण टैम मोबाईल हा कोयनी। ईक्‍का दुक्‍का घरां रै मांय लैण्‍डलाईन फोन हा। म्‍है सोच्‍यो आज सैठां सूं ईण बारै मांय बात करसां। झबरू रो ब्‍यावं होवणौ चाईजै । उमर निकळ रैयी ही।

धरमसाळा रै मायं म्‍है सिंझया नै चाय पीवण नै नीचै जाउं। सिंझया नै धरमसाळा री कैंटीन रै मायं चा बण रैयी ही। कैंटीन रै मायं दूजौ कोई नीं हो। म्‍है अेकलौ हो। कोई बात नीं करण वाळो। चा आवंतै ही म्‍है साम्‍हे सेठ आळै कमरै कानी गयो। सेठ कमरै रै बांडै सौफै माथै बैठो हो। म्‍है चाय लै अर सैठ रै साम्‍हे पडी कुरसी माथै बैठग्‍यो। सैठ छापौ बांचतौ बांचतौ बार बार आपरै मुंछा माथै हाथ फैर रैयो हो। म्‍है चा रै कप सूं अैक घूंट लै अर सैठ सूं बोल्‍यो – ‘ झबरू रौ कुण सौ गांव है।

औदसरसैठ आपरी मुंछा पर हाथ फैरते उत्‍तर दियौ।

औ आपरै गांव जावे कोयनी क्‍या ।म्‍है पूछयो।

आप क्‍यूं ओ सब पूछौ हो।सैठ कैयो।

म्‍है संका करते करते जवाब दियौ – औ आज म्‍हारै कनै आपरै गांव सूं आयोडी चिठी लायो हो।

चिठी आप बांची।

हां। म्‍है बांची। चिठी रै मांय व्‍है रै ब्‍यांव री बातां लिखोडी ही। व्‍है रा बाबूसा व्‍है रै खातर अैक सगपण देख्‍यौ है।म्‍है चा रौ अैक और घूंट लैवंते लैवंते जवाब दियौ।

सैठ छापै ने समेटतां समेटतां कैयौ- कोई सात बरस पैला म्‍हारै गांव वाळा ईणनै म्‍हारे कनै धरमसाळा में छोडग्‍या। ईण रा मां बाबूसा अैक एक्‍सीडेंट में खत्‍म हुयग्‍या। ईण रै दिमाग रौ ईलाज चालै है। ईण नै बात री ठा नीं है कै ईण रा मां बाबूसा खत्‍म हुयग्‍या। म्‍हारै गांव रौ है। ईण खातर म्‍है संभळा हा। भौळो है। आपरौ टैम काढे है।

म्‍हारौ माथौ चकरा ग्‍यो। सैठ झबरू री चिठी सूं अलायदा बात बतायी। चा रौ घूंट म्‍हारे गळै में उतरतो रूकग्‍यो। म्‍है सोचतो रैयग्‍यो कै आ चिठी कठै सूं आयी। आयी तौ कुण ईणनै लिखी। म्‍है हिम्‍मत कर सैठ नै पूछयो – ईण रै गांव सूं चिठी कुण भेजै।

आपरै लारै कमरै रै मायं झांकौ घालौ।सैठ आपरै साम्‍है कमरे कानी सैनाण करते कैयो। सैठ री बात सुण म्‍है और सोच रै मांय पडग्‍यो। म्‍है आपरौ मुंडौ हौळे हौळे कमरे कानी घूमायो। म्‍है कमरै रै मायं देख्‍यो। टैबुल माथै अन्‍तरदेसी पत्‍तरां री डिगली पडी ही। कनै तख्‍ती अर पैन पडयो हो। पंखै री हवा सूं अत्‍तरदेसी पत्‍तरां रौ अैक पासो उड रैयौ हो। म्‍है सैठ कानी पाछौ मुंडौ करयो। सैठ आपरै माथै सळवटां घालते हौळे सूं कैयो – ‘ झबरू री चिठीयां अठै सूं ही जावै।

आ सुण म्‍है उभौ हुयग्‍यो। गैलेरी रै रोसनदान रै मायं बणियोडो घौसला म्‍हारै पगा कनै आ पडयो। साम्‍है बालकानी रै मायं झबरू हाथ लारै करियोडो हौळे हौळे चालतौ दिख रैयो हो।

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2 comments:

  1. वाह! बहुत खूब। जिकेने केवे 👍👍

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  2. धन्यवाद. आभार

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