Tuesday, January 7, 2020

 मेरे शहर की औरते


मेरे शहर की औरते
अपने घर की दहलीज
पर खड़े होकर
देखती है
स्कूल जाती शिक्षिकाओ को
जो जाती हुई बाते करती है
अपनी तनख्हो की।
अपने गिरे हुए पल्लू को
उठाकर अपना सिर ढकते हुए
देखती है
अंग्रेजी मे बाते करते हुए
पार्लर जाती औरतो को।
देखती है
अंग्रेजी मे अपने बच्चो को
डांटते हुए बाजार जाती औरतो को।
देखती है
कोई फिल्मी गीत गुनगुनाते
हुए जाती औरतो को।
देखती है
हाथ जोड़कर
वोट मांगती औरतो को।
घर की ओर आते
ससुर को देख
अपना पल्लु  से पर्दा कर
दहलीज से
भीतर लौटती  है
मेरे शहर की औरते।

   

No comments:

Post a Comment