Sunday, June 30, 2024

जहां मुकम्‍मल हुआ

 


एक पूराना गाना है कभी किसी को मुकम्‍मल जहां नहीं मिलता, किसी को जमीं तो किसी को आसमां नहीं मिलता परन्‍तु २९ जून की रात को जब तारो से भरे आसमां ने धरती को चूम लिया तो ऐसा लगा हर किसी को आज मुकम्‍मल जहां मिल गया। मेरे शहर के कोटगेट पर तिरंगा हाथ में लिये दौडते और शोर मचाते बच्‍चे जब झूम रहे थे तो ऐसा लगा वाकई इन्‍होने वो पा लिया है जो सभी स्‍वार्थो से परे है जो परमानंद है। हार्दिक पांडया की अंतिम गेंद पर ज्‍योही रबाडा ने सिंगल रन लिया त्‍यों ही दूर कहीं आसमां धरती को चूम रहा था। आसूंओ की शीतल धाराऐ रोहित शर्मा और विराट कोहली के गालो पर बहने लगी। इन धाराओ की शीतलता बयां कर रही थी कि एक मुकम्‍मल जहां के सपने को इन बंदो ने हासिल कर लिया है। युवाओ का शोर बता रहा था कि ऐसी जीत ऐसा जहां कभी किसी को नहीं मिलता जहां उम्‍मीद हो वहां नहीं मिलता।

इस जीत ने हर किसी को जहां मुकम्‍मल दिया। किसी को जमीं तो किसी को आसमां दिया। इस बार जहां उम्‍मीद थी वहां मुकम्‍मल जहां मिला। किसी एक को नहीं हर एक मिला। विराट कोहली मुकम्‍मल जहां की तलाश में थे। गेंद उनके बल्‍ले से मुंह मोड रही थी परन्‍तु फाईनल में उसने उनके बल्‍ले से ऐसा ईश्क किया कि टीम को विश्व कप खिताब दिलाकर ही दम लिया। इससे पहले विराट कोहली को टीम से बाहर बिठाने की बाते हो रही थी। उनके बल्‍ले की बेवफाई के कारण उन्‍हे अनगिनत गालियां पड रही थी। भारतीय टीम के पिछले बारह सालो से कभी सेमिफाईनल तो कभी फाईनल में हारने का गम भी उन्‍हे सता रहा था। इस बार विराट के सारे शिकवे २९ जून की रात ने पूरे कर दिये। ऐसा ही सलूक रोहित शर्मा के साथ हो रहा था। उनका जहां तो वनडे विश्‍वकप की हार के बाद से ही लुट रहा था। उन्‍हे मुंबई इंडियंस की कप्‍तानी से हटा दिया गया। एक मस्‍त मौला इंसान के साथ वो हो रहा था जो किसी घोर असफल खिलाडी के साथ हो रहा था। २९ जून की रात ने चारो और बिखरे गये जहां को समेट कर रोहित शर्मा की गोद में डाल दिया गया। नीली छत्‍तरी वाला इतना दयालु है कि सारा जहां आज रोहित शर्मा के हाथो मे था जो भी उनसे छिन लिया गया था। जब विराट कोहली और रोहित शर्मा ने रिटायरमेंट की घोषणा की तो पूरा क्रिकेट जगत स्‍तब्‍ध हो गया। जमीं को चूमने आया आसमां अवाक रह गया परन्‍तु ये बता रहा था कि विराट और रोहित का जहां मुकम्‍मल हो गया। ऐसा मौका बिरलो को ही मिलता है जब सब कुछ हासिल करने के बाद अलविदा कहे। पूरी दुनिया उन्‍हे रोकना चाहे और वे अपना थैला लेकर घर की ओर लौट चले। दोनो ने ऐसे अलविदा कहा जैसे किसी शांत नदी के ठंडे पानी पर नौको बहकर जा रही हो। 

मुकम्‍मल जहां विराट और रोहित को ही नहीं हार्दिक पांडया को भी मिला जिसके सिर पर बहुत बडा बोझ था। रोहित शर्मा को हटाकर हार्दिक पांडया को मुंबई इंडियंस को कप्‍तान बनाने पर पांडया पर बहुत बडा ऋण था। यह कप्‍तानी रोहित शर्मा के विशाल रेकार्ड और अनुभव का बोझ थी पांडया पर। रोहित के स्‍थान पर कप्‍तानी करके वो सहज नहीं था परन्‍तु अब रोहित के विश्‍व चैम्पियन बनने पर वह बोझ पांडया के माथे से उतर गया। उसका जहां भी मुकम्‍मल हो गया। जहां मुकम्‍मल सूर्य कुमार यादव का भी हुआ जिसे रन बनाने के बाद भी भरोसे की पहचान नहीं मिल रही थी परन्‍तु फाईनल में एक कैच ने उसे पूरी दुनिया का भरोसा पुरस्‍कार में दे दिया। पूरी दुनिया का भरोसा जीतने के बाद उसका भी जहां मुकम्‍मल हो गया।

इसी प्रसिद्ध गाने के आगे बोल है कि तेरे जहां में ऐसा नहीं के प्‍यार न हो, जहां उम्‍मीद हो इसकी वहां नहीं मिलता। परन्‍तु २९ जून की रात बहुत सारा प्‍यार वहां मिला जहां उम्‍मीद नही थी। राहुल द्रविड की कप्‍तानी में २००७ में वेस्‍टइंडीज में ही भारत की टीम वनडे विश्‍वकप से शुरूआती दौर में ही बाहर हो गयी थी। उसके बाद द्रविड के कोच बनने के बाद भारतीय टीम सेमिफाईनल और फाईनल में हार रही थी। राहुल द्रविड के कार्यकाल का यह अंतिम टुर्नामेंट था। इस बार भी हार की आशंकाऐ मंडरा रही थी परन्‍तु २९ जून की रात ने राहुल को पकडा कर सारा जहां दे दिया। राहुल द्रविड का जहां भी उस रात को मुकम्‍मल हो गया। वो भी अपना बैग लेकर सूकून से रवाना हो गया। पीछे पूरी दुनिया उसे बुला रही थी परन्‍तु वो मुस्‍कुराते हुए बाय बाय करते हुए चला गया।

मुकम्‍मल जहां जय शाह का भी हुआ। जब से वो बीसीसीआई के चैयरमैन बने है तब से सवाल उठ रहे है कि भारतीय टीम कोई आईसीसी खिताब नहीं जीत रही है। जय शाह को भारतीय टीम के लिए अशुभ बताने वालो को २९ जून की रात में छुपकर निकलना पडा क्‍योंकि नीली जर्सी वाले विश्‍व कप खिताब के साथ झूम रहे थे। हालांकि मैदान के खेल में बीसीसीआई अध्‍यक्ष का कोई रोल नहीं होता है परन्‍तु फिर भी जो बात चल रही थी वो खत्‍म हो गयी। एक नयी कहानी शुरू हेा गयी। जय शाह को भी जहां मुकम्‍मल हुआ।

अंत में जहां मुकम्‍मल देशवासियो का भी हुआ। पिछले वनडे विश्‍वकप मे फाईनल हार के बाद देश के प्रधानमंत्री टीम को सात्‍वंना देने आये थे और वैसे ही देने आये थे जैसे पहले चंद्रयान के असफल रहने पर उनकी टीम को दी थी। देखिऐ चंद्रयान के दूसरे अभियान ने चांद पर तिरंगा फहरा दिया और अब रोहित शर्मा की टीम ने पूरे देश में तिरंगा लहलहा दिया। पूरे देशवासियो को मुकम्‍मल जहां मिल गया। फाईनल और सेमिफाईनल में हार की कहानी खत्‍म हुई। हम चोकर नहीं है। हम विश्‍व विजेता है। अब कोई यह गाना ऐसे नहीं गायेगा कि कभी किसी को मुकम्‍मल जहां नहीं मिलता। इस गाने को अब ऐसे गाया जायेगा हर किसी का जहां मुकम्‍मल होता।

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Saturday, June 29, 2024

रूके रूके से कदम -----------------।


 


इस समय मै अपने कमरे में बैठा हूं। कमरे की खिडकी की जाली पर लगी लोहे की डण्डियो पर पानी की बूंदे जगह जगह थोडे अंतराल के साथ लटकी हुई है। खिडकी जाली मे से निरा आसमान दिखाई दे रहा है बादलो से घिरा हुआ। चलते हुए बादलो के गरजने की आवाजे भी रूक रूक कर आ रही है। कमरे के दरवाजे के बाहर पडा कूलर बंद है। बारिश में भीगने के कारण उसकी बॉडी पर बहता हुआ पानी दिखाई दे रहे है। कूलर के पीछे पूरी छत्‍त पर बरसात का पानी बिखरा हुआ चमक रहा है जिसमें आस पास के उंचे मकानो की प्रतिछायाऐं दिखाई दे रही है। कभी उस पानी में उडते हुए पंछी की छाया भी दिखाई दे जाती है। कूलर के उपर से ठंडी हवा के झोंके कमरे में आकर मेरे बदन पर गिर रहे है। मै लैपटॉप पर कहानी लिख रहा हूं।

दरवाजे के बाहर एक पडोस का उंचे मकान की दीवारे दिखाई दे रही है जिस पर पानी के निशान साफ दिखाई दे रहे है। कुछ घरो की छत्‍तो की दीवारो पर भी बहे हुए पानी के निशान साफ दिखाई दे रहे है। एक नन्‍ही गौरया मेरे छत्‍त की दीवार पर बैठी हुई ईधर उधर अपनी गर्दन घूमा रही है। कभी पंखा फडफडा कर उडने का विचार करती है और फिर शायद उडने का विचार छोड देती है। वो दीवार पर बैठी हुई  छत्‍त पर गिरे हुए घास फूस को देख रही है। फिर उडकर घसा फूस के पास आकर बैठ जाती है। भीगे हुए घास फूस पर चढकर कुछ देकर उस पर घूमती है। फिर उड जाती है। मै उठकर कमरे से बाहर छत्‍त पर उस दीवार तक जाता हूं जहां पर गौरया बैठी थी। नीचे गली में बरसात का पानी सडक पर फैला हुआ था। कोई बाईक निकलती तो आस पास बहुत सारा पानी उछालते हुए जाती। गली से बाहर मुख्‍य सडक व बाजार है। वहां से भीगे हुए स्‍वरो के साथ गाने की आवाज आ रही थी – रूके रूके से कदम रूक कर कई बार चले। करार दे के तेरे दर से बेकरार चले।रूके रूके से कदम------।

गाने अक्‍सर मुझे ख्‍यालो मे लेजाते है। मै अपने भीतर चल रहे ख्‍यालो की धाराऐ देखता रहा। मन के भीतर ख्यालो का आवागमन तेजी से चल रहा था। कौन सा ख्‍याल कहां जा रहा है कोई पता नही। मै हर एक ख्‍याल का देख पा रहा था। हर एक ख्‍याल में उलझन थी। एक भी अपनी मंजिल तक नही जा पा रहा था। एक नया ख्‍याल लहर की तरह भीतर की राहो को तरंगित कर रहा था। जैसे शांत पानी में कोई नयी धारा आ गयी हो। जैसे सात रंगो में कोई नया रंग आ गया हो। जैसे सात सुरो में कोई नया सुर आ गया हो। जैसे ख्‍यालो की बगिया में कोई नया फूल महक रहा हो। ऐसा ख्याल जिसने मेरी समस्‍त पीडाओ को हर लिया। पीडाऐ उससे हारकर कहीं छुप गयी थी। यह ख्‍याल  मन के भीतर की पूरी दुनिया पर छा गया। जैसे मैने भोलेनाथ की भांग में तरंगित हो गया। जैसे परमानंद का नशा मुझे हो गया। मेरे उपर बारिश की बूंदे गिर रही थी। मेरे भीतर के ख्‍याल मेरे बदन पर गिरी बारिश की बूंदो से कहीं अधिक सूकून दे रहा था। मैने आंखे बंद कर ली। कुछ देर आंखे बंद कर बारिश की बूंदो में भीगता रहा ।

सहसा मेरे कानो में गाने की अगली पंक्तियां पडी  - सुबह न आयी कई बार नींद से जागे। थी एक रात की ये जिंदगी गुजार चले। रूके रूके से कदम।

मैने आंखे खोल ली। बारिश तेज हो गयी। बारिश गिरने की आवाज के बीच उस गाने की आवाज कानो तक आ रही है – करार देके तेरे दर पे बेकरार हो चले। रूके रूके से कदम -------।

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Wednesday, June 19, 2024

बाहर से लायी गयी पिच.. खरी नहीं

 

टी 20 विश्‍वकप अमेरीका और वेस्‍टइंडीज में संयुक्‍त रूप से हो रहा है। टी 20 विश्‍कप में अमेरिका को इसलिए जोडा गया ताकि क्रिकेट का दायरा बढाया जा सके। जब खेल मे दुनिया का सबसे ताकतवर देश भी जुडेगा तो खेल की ताकत बढेगी। इस लिहाज से टी 20 का प्‍लेटफार्म सबसे उपयुक्‍त है। टी 20 क्रिकेट में चौको छक्‍को की बौछार देखकर लोग सहज ही इस खेल की ओर आकर्षित होंगे, यह मंशा आईसीसी की रही होगी। इस कारण विश्‍व कप में १६ मैच अमेंरीका में रखे गये परन्‍तु शुरूआती कुछ मैचो के बाद ही पिच को लेकर विवाद हो गया। ड्राप इन पिचो के कारण मैचो में कोई भी टीम १४० का स्‍कोर भी पार नही कर पायी। पाकिस्‍तान, न्‍यूजीलैण्‍ड ओर श्रीलंका जैसी टीमे पहले ही दौर में बाहर हो गयी। ड्राप इन पिचो को लेकर पूरी दुनिया में आलोचना हो रही है। शुरूआती दौर के बाद कुछ मैचो को दूसरी जगह स्‍थानान्‍तरित करने की भी चर्चा चली थी और खबरो के अनुसार बकायादा आईसीसी ने इस पर विचार भी कियाा बाद में इससे इनकार किया। 

टी 20 को चौको छक्‍को की क्रिकेट कहा जाता है और लोग इसे देखने के लिए मैदान में आते भी इसीलिए है परन्‍तु इस विश्‍वकप में अमेरीका में खेले गये मैच निम्‍न स्‍कोर वाले रहे और बल्‍लेबाजो की बजाय गेंदबाज हावी रहे । पहले दो चार मैचो के बाद भारत पाक मैच दूसरी जगह शिफट करने की चर्चाऐं होने लगी। भारत ने पाक के विरूद्ध निर्धारित ओवरो में ११९ रन बनाये और टी 20 के लिहाज से यह जीतने लायक स्‍कोर नही था। पाक ने अपनी पारी शुरू की तब यह लग रहा था कि यह एक आसान मैच है परन्‍तु ९०रन तक आते आते पाकिस्‍तान के हाथ पांव फूलने लगे और मैच धीरे धीरे भारत के पक्ष में आने लगा। भारत ने यह मैच ६ रनो से जीत लिया। पाकिस्‍तान अमेंरिका के विरूद्ध भी एक निम्‍न स्‍कोर वाला मैच हार गयी। इस तरह से विश्‍वकप खिताब  की प्रबल दावेदार टीम टुर्नामेंट  से बाहर हो गयी। यह कहीं न कहीं आयोजको की असफलता है क्‍योंकि केवल पाकिस्‍तान ही बाहर नही हुई बल्कि श्रीलंका और न्‍यूजीलैण्‍ड में भी बाहर हो गये। इन उलटफेरो का कारण ड्राप  इन पिचो को बताया जा रहा हे। खबरो के अनुसार इस विश्‍कप के लिए १० ड्राप इन पिचे एडिलेड से लायी गयी थी जिसे तैयार कर न्‍यूयॉक के नसाऊ स्‍टेडियम में बिछायी गयी जो गेंदबाजो के लिए स्‍वर्ग और बल्‍लेबाज के लिए कब्रगाह साबित हुई। 

ड्राप इन पिचे मुख्‍यत उन मैदानो पर बिछायी जाती है जो मैदान मुख्‍य रूप से क्रिकेट के लिए नही बने होते है। ऐसी पिचो का प्रयोग मुख्‍य रूप से आस्‍ट्रेलिया में होता है। मेलबर्न क्रिकेट ग्राउण्‍ड में २४ मीटर लंबाई और ३ मीटर चौडाई वाली पिच तैयार की जाती है। काली मिटी की परत के बाद ऊपर घास उगाई जाती है और यह सारी प्रक्रिया स्‍टील के फ्रेम में की जाती है। जब क्रिकेट मैच होता है तो ३० टनी वजनी इन पिचो को कस्‍टमाइड ट्रेलर से उठाकर २७ मीटर गहरे सीमेंट के स्‍लैब के ऊपर डाल दिया जाता है। चूंकि ये पिच स्‍टील के फ्रेम के भीतर बनती है ऐसे में यह सख्‍त होती है, परंपरागत पिचो की तरह यह टूटती नही हैा इस पर घास कम या ज्‍यादा रखी जा सकती है। मैच खत्‍म होने के बाद इन पिचो को वापिस हटा लिया जाता है और यहां पर क्रत्रिम घास लगाकर वापिस मैदान अन्‍य खेल के लिए तैयार हो जाता है। विश्‍कप में ड्राप इन पिचे बल्‍लेबाजो के लिए भयावह बन गयी। 

इसको लेकर पूरी दुनिया में आलोचना हो रही है। पूर्व क्रिकेटर और कोमेण्‍टेटर इरफान पठान ने इन पिचो को असुरक्षित बताया। आस्‍ट्रेलियाई क्रिकेटर माईकल वान ने कहा है कि अमेरीका में क्रिकेट का प्रचार प्रसार अच्‍छी बात है परन्‍तु इस प्रकार की पिचो पर खिलाडियो को खेलना अच्‍छी बात नही है। जिम्‍बाब्‍वे के पूर्व क्रिकेटर एंडी फलावर ने कहा है कि अंतर्राष्‍ट्रीय मैचो के लिए इस प्रकार की पिच ठीक नही है। कोमेण्‍टेटर सुशील दोषी ने अपने एक लेख में कहा कि भारत में ऐसी पिचे होती तो पूरी दुनिया इसे बहुत तूल देती है और भारत की चारो तरफ से आलोचना की जाती है परन्‍तु अमेरीका में होने के कारण सभी लोग इसका बचाव कर रहे है। 

अमेरीका में क्रिकेट का प्रचार प्रसार होना ही चाहिए परन्‍तु ऐसी पिचे क्रिकेट के लिए भी खतरा है। इन पिचो के कारण विश्‍वकप का मजा किरकिरा हो गया। क्रिकेट की असली जंग देखने को नही मिली। टी 20 क्रिकेट का असली रूप देखने को नहीं मिला। ड्राप इन पिचे इतने बडे टुर्नामेंट के लिए उपयुक्‍त नही हो सकती है। संजय मांजरेंकर ने सही कहा है कि पिचे तो पहले भी खराब होती रही है परन्‍तु इस बार लगता है आईसीसी की तैयारी में कहीं कोई कमी है। फिलहाल विश्‍वकप का पहला दौर समाप्‍त हो चुका है और अब सभी मैच में वेस्‍टइंडीज में होगे और वहां उम्‍मीद की जानी चाहिए कि पिच का बवाल नही होगा। क्रिकेट प्रेमियो को पसंदीदा टी 20 क्रिकेट देखने को मिलेगी। 

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सीतराम गेट के सामने, बीकानेर ९४१३७६९०५३