Thursday, August 15, 2024

ओलंपिक का विवादो से वास्ता

 

 


खेलो का महाकुंभ पेरिस २०२४ कुछ खटटे तो कुछ मीठे अनुभवो के साथ सम्‍पन्‍न हो गया। ओलम्पिक हमेशा से ही पूरी दुनिया में किसी भी देश द्वारा खेल कौशल द्वारा अपने आपको साबित करने का सबसे बडा मंच रहा है। दुनिया भर के एथलीटो ने इस महाकुंभ को अपने रोचक खेलो के जरिये इसे रंगीन बना दिया। कई युवा खिलाडियो ने अपने खेल कौशल से अपने देश को गौरान्वित किया। कई एथलीटो हार बाद हताश हुए मैदान में लेटे हुए रोते नजर आये। यही खेल सिखाते है कि खेल के बाद एक दूसरे को बधाई दो और हारने पर अगली बार जोरदार प्रदर्शन का अपने आप से वादा करो। इन सभी रंगीन यादो के बीच पेरिस ओलम्पिक कई कडवी यादे छोड गया। हर ओलम्पिक में छोटी मोटी घटनाऐं होती है जो सावधानी बरतने के बाद भी हो ही जाती है परन्‍तु इस ओल‍िम्‍पक में ऐसे विवाद और घटनाऐं हुई जिसके लिए भी पेरिस २०२४ को कभी भुलाया नही जा सकेगा।

इस ओलम्पिक के उदघाटन समारोह से चंद घंटो पूर्व ही फ्रांस में हिसा शुरू हो गयी। कई रेलगाडियां रोक दी गयी। समाचार पत्रो के अनुसार रेल्‍वे स्‍टेशनो पर कई घंटो तक अफरातफरी मची रही। इस हिंसा के पीछे बाहर की ताकतो केा जिम्‍मेदार बताया गया। कई लोगो ने इस युक्रेन रूस युद्ध के तनाव को बताया। फ्रांस की मीडिया ने फ्रासं मे एक वर्ग की कारस्‍तानी बतायी जो पेरिस ओलम्पिक का विरोध कर रहा था। आगजनी और हिंसा से पेरिस ओलम्पिक को बदनाम करने की साजिश मानी गयी। पेरिस २०२४ के उदघाटन समारोह में प्रसिद्ध कलाकार अेयो नाकामुरा ने प्रसिद्ध दी। नाकामुरा पर रंगभेद टिप्‍पणी की गयी। एक सर्वे के अनुसार फ्रांसिस लोगो ने नाकामुरा के उदघाटन समारोह में प्रस्‍तुती को स्‍वीकार नही किया था। उदघाटन समारोह में कोरिया जैसे देशो के नाम को लेकर भी विवाद खडा हुआ। विवाद क्‍या हुआ और कैसे हुआ परन्‍तु हुआ तो ना। ओलम्पिक जैसे बडे आयोजनो में विवाद की परछाई पड जाने को भी असफलता का कारण मान लेते है वहां इतने बडे विवाद ओलम्पिक की छवि खराब करते है।

ओलम्पिक खेल जिस शहर में होते है उस शहर में एक खेल गांव बनाया जाता है जहां पूरी दुनिया के एथलीट अपने देश के एथलीटो के साथ रहते है। इस बार ओलम्पिक में ठहराने और खाने की व्‍यवस्‍था को लेकर बहुत विवाद हुआ। कई देशो के एथलीटो ने कहा कि उन्‍हे जहां ठहराया गया है वहां हवा और रोशनी पर्याप्‍त नही है। कई देशो के एथलीट ऐसी अपने साथ लाये थे। कई एथलीट खेल गांव छोडकर होटलो में जाकर रूके। खेल गांव में पानी की भी पूरी व्‍यवस्‍था नही थी। कई एथलीटस ने खेल गांव में खाने की क्‍वालिटी को सबसे घटिया बताया। एथलीटो ने कहा कि वो खेल गांव में खेल पर फोकस नही कर पा रहे है। ८०० मीटर स्‍वर्ण पदक विजेता कीली हॉंजकिसन ने आरोप लगाया कि उनको परोसी गयी मछलियों में कीडे थे। ग्रेट ब्रिटेन के एथलीटो ने शिकायत की कि उन्‍हे कच्‍चा मांस परोसा जा रहा है। बडे खेल आयोजनो में खाने जैसी शिकायत होनी चाहिए। ब्रिटिश एथलीट एडम पीटी ने कहा कि खाने के नाम पर समझौता किया जा रहा है। खबरो के अनुसार खेलगांव में एथलीट खाने और ठहराने की व्‍यवस्‍थाओ से नाराज नजर आये।

पेरिस ओलम्पिक में यही नही हुआ बल्कि लिंग विवाद भी हुआ। अल्‍जीरीया की इमान खलीफ ने अपनी बाउट में प्रतिपक्ष बॉक्‍सर को ४५ सैकेण्‍ड में हरा देने पर उसके लिंग पर शक किया गया। पूरी दुनिया में खलीफ को पुरूष मानते हुए महिला के विरूद्ध खेलने का आरोप लगाया गया। इस बात को लेकर पूरी दुनिया में पेरिस ओलम्पिक आयोजको की जमकर आलोचना हुई परन्‍तु बॉक्‍सर खलीफ ने कह दिया कि वो भी और औरतो की तरह ही औरत है। उसने कहा कि वो एक महिला की तरह ही पैदा हुई और महिला की तरह ही हूं। लोग मेरी सफलता को पचा नही पा रहे है। पेरिस ओलम्पिक के दौरान यह विवाद छाया रहा ।

खेल विवाद में भी एक विवाद और जुड गया जब भारत की विनेश फोगाट ५० केजी वर्ग में सेमिफाईनल जीतकर फाईनल में पहुंची। पूरे भारत में खुशियां मनायी जाने लगी क्‍योंकि देश का एक और पदक पक्‍का हो गया था परन्‍तु फाईनल मुकाबले से कुछ समय पूर्व ही उसे ज्‍यादा वजन होने के कारण उसे अयोग्‍य करार दे दिया गया। भारत से लेकर फ्रांस तक इस अयोग्‍यता के विरूद्ध बहुत हंगामा मचा। आखिर में विेनेश फोगाट द्वारा अपील करने पर यह गुस्‍सा थमा। इससे पूर्व आयोजन समिति ने फोगाट को दोबारा खेलाने या पदक देने से साफ इनकार कर दिया था।

इसी प्रकार जब ट्रायथलॉन में हिस्‍सा लेने वाले कनाडाई खिलाडी मिसलाचूक ने सीन नदी में तैरने के बाद लगातार दस बार उल्‍टी कर दी। यह घटना सोशल मीडिया के जरिये पूरी दुनिया में फैल गयी। कई दूसरे खिलाडियो ने भी सीन नदी के गंदे पानी को स्‍वास्‍थ्य के लिए हानिकारक बताया। ओलम्पिक जैसे आयोजनो में गंदे पानी में एथलीट को उतारना आयोजको की बहुत बडी असफलता है।

 

और अंत में ---------

इन विवादो के बीच एक विवाद ऐसा भी हुआ जिसे पढकर आपके बदन में सिहरन सी दौड जायेगी। पेरिस ओलम्पिक से एक ऐसी एथलीट को बाहर कर दिया गया जो बेहद खूबसूरत है। उसकी खूबसूरती के कारण ही उसे पेरिस ओलम्पिक से बाहर होना पडा। पैराग्‍वे की २० वर्षीय तैराक लुआना अर्लासों की खूबसूरती उसके लिए मुश्किल बन गयी। पैराग्‍वे के कई खिलाडियो ने एक बात की शिकायत अपने अधिकारियों से की थी कि लुआना की खूबसूरती के कारण हम अपने खेल पर ध्‍यान नही लगा पा रहे है। पैराग्‍वे अधिकारियों ने इस शिकायत को गंभीरता से लिया और पैराग्‍वे की एथलीट लुआना को कमरा खाली कर देश लौटने का आदेश सुना दिया गया। इस प्रकार लुआना मात्र अपनी खूबसुरती के कारण ओलम्पिक से बाहर कर दी गयी।  

पेरिस ओलम्पिक में सभी तरह के विवाद हुए परन्‍तु ठहरने, खाने पीने और लिंग विवाद जैसे विवाद ओलम्पिक की प्रतिष्‍ठा को ठेस पहु्ंचाते है। जहां खिलाडी शिकायत करते है, उसको ओलम्पिक समिति को गंभीरता से लेना चाहिए। इन विवादो के बावजूद पेरिस ओलम्पिक बेहद रोमांचक और खूबसूरत रहे जहां कईयो के सपने पूरे हुए तो कईयो ने नये सपने अपनी आंखो में देखे।